काम से नजर हटके जब भी बच्चों पर जाती है,
बस यही ख्याल उमड़ता है, मिट्टी से सने लम्हों में कितना सुकून था.
बस यही ख्याल उमड़ता है, मिट्टी से सने लम्हों में कितना सुकून था.
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