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Monday, 3 February 2014

# Micro Poetry 124

Posted by Unknown at 01:12
इस सादगी पर कौन ना मर मिटें, लोग अकसर इन आंखों में सुकून ढूँढते है.

उनकी संगत के असर में मुमकिन है, चंद लम्होँ में उनसे मोहब्बत हुई

तरह-तरह से भुलाया मगर बेबस दिल का आख़िर में हुआ ये हाल,

हर एक ख्याल से पैदा तेरा ही ख्याल हुआ....!

~ Contributions : Siddhant Sharma

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