आज सुबह हवा भी कुछ सीली सी है मौसम की है साज़िश सी, इश्क में डूबा
वो पहला सावन याद दिला रहा, भीगे थे हम कुछ बारिश में, कुछ नए-नवेले इश्क़ में.
वो पहला सावन याद दिला रहा, भीगे थे हम कुछ बारिश में, कुछ नए-नवेले इश्क़ में.
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