Pages

Saturday, 15 February 2014

# Micro Poetry 137

Posted by Unknown at 08:05
आज सुबह हवा भी कुछ सीली सी है मौसम की है साज़िश सी, इश्क में डूबा

वो पहला सावन याद दिला रहा, भीगे थे हम कुछ बारिश में, कुछ नए-नवेले इश्क़ में.

0 comments:

Post a Comment

 

Nazm (Ash'ar) Copyright © 2011 Design by Ipietoon Blogger Template | web hosting