ज़ेठ की दोपहर में ज़िन छज़्ज़ों पर इश्क़ की रौनक होती थी, अब वहाँ ग़मग़ीन सन्नाटें का बसेरा हैं ।
Saturday, 29 March 2014
# Micro Poetry 203
कुछ नाम कुरेद कर लिखे गए थे पुरानी मेज पर, कौन कहता है कहानिया सिर्फ़ स्याही से लिखी जाती है .
Thursday, 27 March 2014
# Micro Poetry 195
शिकवा भी उसी से शिकायतें भी उसी से, जब से दिल को को चोट पहुँची है एक डायरी ही हर गम कि साथी है.
# Micro Poetry 185
और तो कोई नही मुश्किलों की धूप में साथी,
दिल के सुकून के लिए, तुम्हारी बातों की छाँव में सर छुपा लेते है.
दिल के सुकून के लिए, तुम्हारी बातों की छाँव में सर छुपा लेते है.
# Micro Poetry 183
अजीब है ना, हालात कुछ यूँ बदल जाते, कुछ अपने "तुम" से "आप" जितनी दूरी बना लेते है .
# Micro Poetry 182
Story that began with eyes, ended on paper..
For some it was Poetic, for others mere Scribbling with ink .
For some it was Poetic, for others mere Scribbling with ink .
Friday, 21 March 2014
Thursday, 20 March 2014
# Micro Poetry 167
He fell in Love with her withered soul,
And she fed his Broken Heart a Slice of her Soul ..
And she fed his Broken Heart a Slice of her Soul ..
Friday, 14 March 2014
# Micro Poetry 164
हर रोज़ डायरी में कुछ लिखता रहा, कभी कुछ नया सा कभी कुछ पुराना सा,
बीते दिनों के जख्मों पे कुछ मरहम सा, कुछ पूरा सा कुछ अधूरा सा,
डायरी के पन्नों में ख्वाबों की दुनिया बुनता रहा मैं,
अपने हर लफ्ज में शायद तुम्हें तलाश रहा हूँ मैं.
बीते दिनों के जख्मों पे कुछ मरहम सा, कुछ पूरा सा कुछ अधूरा सा,
डायरी के पन्नों में ख्वाबों की दुनिया बुनता रहा मैं,
अपने हर लफ्ज में शायद तुम्हें तलाश रहा हूँ मैं.
Wednesday, 12 March 2014
Monday, 10 March 2014
# Micro Poetry 158
काम से नजर हटके जब भी बच्चों पर जाती है,
बस यही ख्याल उमड़ता है, मिट्टी से सने लम्हों में कितना सुकून था.
बस यही ख्याल उमड़ता है, मिट्टी से सने लम्हों में कितना सुकून था.
Thursday, 6 March 2014
# Micro Poetry 155
नफरतें हमने इस तरह संभाल कर रखी है दिल में, कोई मरता है तो इंसान के बजाए
वो सिर्फ़ अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक दिखता है..
वो सिर्फ़ अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक दिखता है..
Wednesday, 5 March 2014
# Micro Poetry 152
Be the Wind in my Hair, the Rain which I feel on my Skin, the Sun I long for in Winter,
Be the Pause on my Thoughts, Comma in my Raging story,
Be my Moment of Clarity when I am Confused ..
Be the Pause on my Thoughts, Comma in my Raging story,
Be my Moment of Clarity when I am Confused ..
Monday, 3 March 2014
# Micro Poetry 151
ना मस्ज़िद से, ना मन्दिर से और ना वास्ता गुरुद्वारे से,
इक भूखे का वास्ता होता है सिर्फ़ इनमें बँटने वाले निवालो से ..
इक भूखे का वास्ता होता है सिर्फ़ इनमें बँटने वाले निवालो से ..
# Micro Poetry 150
एक वो दौर था अपनी माँ के बिना एक पल नही बिता़ सकते थे, एक ये भी दौर है दो पल कि
गुफ्त्गु का वक्त नही .
गुफ्त्गु का वक्त नही .
# Micro Poetry 149
She saw him going away, until she couldn't see him.
as Her heart sank she asked herself " Is this what falling in Love feels like ? "
as Her heart sank she asked herself " Is this what falling in Love feels like ? "
# Micro Poetry 148
नींद से कुछ इसलिए मोहब्बत थी, कि ख्वाबों में तुमसे मुलाकात मुमकिन थी, पर मिलती हो वहां
भी अब तुम शर्तों के साथ.
भी अब तुम शर्तों के साथ.
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