कुछ यादों को ज़रा गुद-गुदाते हुऐ गुज़री हैं सर्द हवा, तनहाई के कंबल में इनको समेटने की नाकाम कोशिश करता हूँ ।
Monday, 26 October 2015
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कुछ यादों को ज़रा गुद-गुदाते हुऐ गुज़री हैं सर्द हवा, तनहाई के कंबल में इनको समेटने की नाकाम कोशिश करता हूँ ।
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