वो अकसर दिखती थी गुज़रते हुए , सड़क के उस पार, उसके आसुओं में छिपी अनकही कहानी पढ़ पाता तो शायद मेरा इश्क मुकम्मल हो जाता ।
Thursday, 20 November 2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वो अकसर दिखती थी गुज़रते हुए , सड़क के उस पार, उसके आसुओं में छिपी अनकही कहानी पढ़ पाता तो शायद मेरा इश्क मुकम्मल हो जाता ।
Nazm (Ash'ar) Copyright © 2011 Design by Ipietoon Blogger Template | web hosting
0 comments:
Post a Comment