एक अरसा बीत गया यूँही, कलम से कोई अल्फाज नही निकलें,
एक अरसा बीत गया यूँही, दिल को चोट भी तो पहुँचे हुए |
एक अरसा बीत गया यूँही, दिल को चोट भी तो पहुँचे हुए |
Nazm (Ash'ar) Copyright © 2011 Design by Ipietoon Blogger Template | web hosting
0 comments:
Post a Comment