एक अरसा बीत गया यूँही, कलम से कोई अल्फाज नही निकलें,
एक अरसा बीत गया यूँही, दिल को चोट भी तो पहुँचे हुए |
एक अरसा बीत गया यूँही, दिल को चोट भी तो पहुँचे हुए |
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