उनकी किताब में तुम्हारा जिक्र बदस्तूर बना रहा, समझ नहीं आया तुमसे ईर्ष्या करूँ या इत्मीनान
रखूँ कि तुम्हारा अस्तित्व सिर्फ़ जिक्र तक ही सीमित है.
रखूँ कि तुम्हारा अस्तित्व सिर्फ़ जिक्र तक ही सीमित है.
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