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Thursday, 28 November 2013

# Micro Poetry 69

Posted by Unknown at 22:50
शामो-सहर से तेज़ ,इस दौर में , रिश्ते बदल जाते है चाँद लम्हों में
वही कुछ रिश्ते उम्र से भी लम्बे , शब्दों में नही बँधते है.

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